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प्रेस विज्ञप्ति 12 अगस्त, 2021

परियोजना पर हस्ताक्षर: विश्व बैंक ने पंजाब के दो शहरों में शहरी सेवाओं में सुधार के लिए 10.5 करोड़ डॉलर की परियोजना पर हस्ताक्षर किए

नई दिल्ली, 12 अगस्त, 2021 - भारत सरकार, पंजाब सरकार और विश्व बैंक ने पंजाब के दो सबसे बड़े शहरों, अमृतसर और लुधियाना में शहरी सेवाओं को मजबूत करने के लिए 10.5 करोड़ डॉलर की पंजाब नगरपालिका सेवा सुधार परियोजना पर हस्ताक्षर किए हैं।

परियोजना का मुख्य जोर पंजाब राज्य के लिए आर्थिक विकास के इंजन शहरों अमृतसर और लुधियाना में कुशल जल आपूर्ति और स्वच्छता सेवाएं प्रदान करने पर होगा। जल आपूर्ति में सुधार से 2025 में 30 लाख से अधिक लोगों और 2055 में अनुमानित 50 लाख लोगों को लाभ होने की उम्मीद है। औद्योगिक और वाणिज्यिक उपयोगकर्ता भी अच्छी गुणवत्ता वाली विश्वसनीय जल आपूर्ति से लाभान्वित होंगे।

यह परियोजना डिजाइन-निर्माण-संचालन-हस्तांतरण (डीबीओटी) अनुबंध के तहत पूरे दोनों शहरों को स्वच्छ पानी की आपूर्ति करने के लिए सभी नई कच्ची जल प्रणालियों, जल शोधन संयंत्रों, पारेषण प्रणालियों और जलाशयों को वित्त प्रदान करेगी। डीबीओटी परिचालन शहर-स्तरीय जल सुविधाओं के जरिए दोनों शहरों में नगर निगमों की प्रत्यक्ष निगरानी के तहत इन जल आपूर्ति प्रणालियों के परिचालन और रखरखाव का प्रबंधन करेगा।

वित्त मंत्रालय के आर्थिक मामलों के विभाग ने कहा कि "भारत का तीव्र गति से शहरीकरण हो रहा है और प्रभावी, उत्तरदायी और समय-सापेक्ष सक्षम नगरपालिका सेवाओं के साथ टिकाऊ शहरों की आवश्यकता है। यह परियोजना पंजाब को सुधारों के लिए एक दीर्घकालिक और वृद्धिशील दृष्टिकोण अपनाने और लुधियाना और अमृतसर शहरों में नगर निगमों के संचालन और वित्त को मजबूत करने में मदद करेगी।

समझौते पर भारत सरकार की ओर से वित्त मंत्रालय के आर्थिक मामलों के विभाग के अतिरिक्त सचिव रजत कुमार मिश्रा ने हस्ताक्षर किए;  पंजाब सरकार की ओर से स्थानीय सरकार के प्रधान सचिव अजय कुमार सिन्हा; और विश्व बैंक की ओर से भारत में कार्यवाहक कंट्री डायरेक्टर हिदेकी मोरी ने हस्ताक्षर किए।

भारत में विश्व बैंक के कंट्री डायरेक्टर जुनैद अहमद ने कहा, “पंजाब का तेजी से शहरीकरण प्यासे शहरों का निर्माण करता आ रहा है। भूजल का अत्यधिक दोहन अपरिहार्य खतरा है।” उन्होंने कहा कि “इस परियोजना का उद्देश्य शहरीकरण की चुनौती से निपटना और अमृतसर एवं लुधियाना की टिकाऊ और सुरक्षित पानी तक पहुंच सुनिश्चित करना है। इसका जोर योजना, वित्त और सेवाएं प्रदान करने और सतह जल की क्षमता का दोहन करने के लिए नगरपालिका की क्षमताओं पर है।

अमृतसर और लुधियाना, दोनों शहरों में खोदे गए सैकड़ों बोरवेल से भूजल निकालकर अपनी आवश्यकता का पानी प्राप्त करते हैं। इन बोरवेलों से सीधे भूजल निकालने से पानी की काफी हानि और बर्बादी होती है क्योंकि घरों को संरक्षित करने के लिए प्रोत्साहित नहीं किया जाता है। अध्ययनों से यह भी पता चला है कि अमृतसर जिले का भूजल आर्सेनिक से दूषित है और लुधियाना का भूजल नाइट्रेट और अन्य भारी धातुओं से दूषित है। यह परियोजना पानी की आपूर्ति को तेजी से घटते और अत्यधिक दूषित भूजल स्रोतों से हटाकर स्थानीय नहरों (सतह जल स्रोतों) से पानी खींचने वाले केंद्रीकृत शोधन संयंत्र से जोड़ देगी। अध्ययनों से पता चला है कि इस बदलाव से महत्वपूर्ण स्वास्थ्य लाभ होने की संभावना है।

पंजाब सरकार ने राज्य में शहरी सेवा वितरण कमियों को पूरा करने और शहरी स्थानीय निकायों (यूएलबी) को मजबूत करने के लिए कई पहल शुरू की है। राज्य ने बड़े नगर निगमों को बुनियादी ढांचे के विकास और सेवा वितरण के लिए अधिकार और जिम्मेदारी सौंपी है। अपशिष्ट प्रबंधन, जल आपूर्ति, सीवरेज, स्ट्रीट लाइटिंग और सार्वजनिक परिवहन में सुधार के लिए कई योजनाएं वर्तमान में चल रही हैं।

वरिष्ठ शहरी विशेषज्ञ और परियोजना के लिए विश्व बैंक की टास्क टीम के लीडर ने यारिसा लिंगदोह सोमर ने कहा कि “पंजाब सरकार ने बढ़ती शहरी चुनौतियों का निस्तारण करने के लिए शहरी सुधारों और निवेशों को प्राथमिकता दी है। इस परियोजना के माध्यम से हम अमृतसर और लुधियाना में प्रभावी, उत्तरदायी और समय-सापेक्ष कुशल नगरपालिका सेवा वितरण के लिए के लिए दोनों शहरों में स्थानीय सरकार प्रणाली के विभिन्न स्तरों पर व्यापक संचालनगत और संस्थागत कमियों के दूर होने की उम्मीद करते हैं ”।

विशेष रूप से सार्वजनिक संपर्क (जैसे परमिट, भुगतान और शिकायत निवारण के लिए बेहतर सिस्टम) वाले प्रशासनिक और ई-गवर्नेंस सुधारों पर ध्यान देना दोनों शहरों में नगरपालिका सेवाओं के उपयोगकर्ताओं को लाभान्वित करेगा।

यह परियोजना पंजाब के सभी नगर निगमों को कोविड-19 संकट के प्रभावों से निपटने और आपदाओं से निपटने के लिए उनकी तत्परता में सुधार के उद्देश्य से महत्वपूर्ण गैर-चिकित्सा हस्तक्षेपों के वित्तपोषण के लिए उप-अनुदान भी प्रदान करेगी।

इंटरनेशनल बैंक फॉर रिकंस्ट्रक्शन एंड डेवलपमेंट (आईबीआरडी) के 10.5 करोड़ डॉलर के ऋण की अंतिम परिपक्वता अवधि 12.5 वर्ष है, जिसमें तीन साल की छूट अवधि भी शामिल है।


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