किम विकास-संबंधी मुख्य प्राथमिकताओं की समीक्षा करने के लिए प्रधानमंत्री मोदी से मिलेंगे
वाशिंगटन, 20 जुलाई, 2014 – विश्व बैंक समूह के अध्यक्ष जिम योंग किम भारत की तीन-दिवसीय यात्रा पर कल नई दिल्ली पहुंचेंगे, जो संवृद्धि की उच्चतर दर अर्जित करने के लिए तेज़ी से आगे बढ़ रहा है, जिसकी करोड़ों लोगों को ग़रीबी के चंगुल से छुड़ाने के लिए ज़रूरत है।
अपनी यात्रा के दौरान किम दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और वित्त मंत्री अरुण जैटली से मिलेंगे।
किम ने कहा है, “भारत की जनता से मिला ऐतिहासिक मतादेश उस व्यापक अवसर की दिशा में इंगित करता है, जिससे भारत की संवृद्धि अर्जित करने की क्षमता उन्मुक्त होगी और इसे अपने विस्तृत जनसांख्यिकीय संसाधनों से लाभ उठाने का अवसर मिलेगा। मैं प्रधानमंत्री मोदी और वित्त मंत्री जैटली की विकास-संबंधी प्राथमिकताओं को समझने और यह तय करने के लिए उनसे मिलने की प्रतीक्षा कर रहा हूं कि विश्व बैंक समूह के वित्तीय और ज्ञान-संबंधी संसाधनों को उनकी मदद करने के लिए किस प्रकार सही ढंग से आबंटित किया जा सकता है।”
किम ऐसे समय भारत की यात्रा पर आ रहे हैं, जब इसका तेज़ी से शहरीकरण हो रहा है और प्रति वर्ष एक करोड़ भारतीय ग्रामीण इलाकों से कस्बों और नगरों की ओर जा रहे हैं। वे भारत के ग्रामीण-शहरी रूपांतरण की चुनौतियों का जायज़ा लेने और यह देखने के लिए तमिल नाडु में बैंक द्वारा समर्थित परियोजना-स्थलों पर भी जाएंगे कि राज्य की कुशलता-संपन्न महिलाएं किस प्रकार शहरी रोज़गार के बढ़ते हुए अवसरों से लाभ उठा रही हैं।
सरकार की विकास-संबंधी प्राथमिकताओं को समर्थन देने के इसके लक्ष्य के अनुरूप भारत सरकार और विश्व बैंक समूह के बीच हाल के सहयोग संबंधी प्रयासों से यह सुनिश्चित हो गया है कि भारत को विश्व बैंक समूह से उच्च-स्तरीय वित्तीय सहायता मिलती रहेगी।
विश्व में ग़रीबी दूर करने के कार्य में भारत को एक प्रमुख भागीदार के तौर पर स्वीकार करते हुए इंटरनेशनल डेवलपमेंट एसोसिएशन (आईडीए) के डिपुटियों ने अगले तीन वर्षों के लिए 3.4 अरब डॉलर के ट्रांज़िशनल आईडीए फंड उपलब्ध कराए हैं। इंटरनेशनल बैंक फ़ॉर रिकंस्ट्रक्शन एंड डेवलपमेंट (आईबीआरडी) की लेंडिंग के लिए भारत के लिए सिंगिल बॉरोअर सीमा 17.5 अरब डॉलर से बढ़ाकर 20 अरब डॉलर कर दी गई है और 4.3 अरब मूल्य के स्पेशल प्राइवेट प्लेसमेंट बांड खरीदने के लिए भारत सरकार का समझौता – इन सबसे भारत को धन प्राप्त करने (बॉरोइंग) के अतिरिक्त विकल्प सुलभ करने में मदद मिली है। इसके अलावा, विश्व बैंक समूह की निजी क्षेत्र-इकाई इंटरनेशनल फ़ाइनैंस कॉर्पोरेशन (आईएफ़सी) ने अपना 1 बिलियन डॉलर का ऑफ़शोर रुपी बांड प्रोग्रैम सफलतापूर्वक तैयार (मोबिलाइज़) कर लिया है, जिसका लक्ष्य भारत के पूंजी बाज़ार को सुदृढ़ करना और विदेशी निवेश को आकर्षित बनाना है।
आज भारत इंटरनेशनल बैंक फ़ॉर रिकंस्ट्रक्शन एंड डेवलपमेंट (आईबीआरडी), इंटरनेशनल डेवलपमेंट एसोसिएशन (आईडीए) और इंटरनेशनल फ़ाइनैंस कॉर्पोरेशन (आईएफ़सी) की परिचालन-संबंधी व्यापक गतिविधियों का केन्द्र है।
जुलाई 2013 और जून 2014 के बीच भारत को विश्व बैंक समूह से 6.4 अरब डॉलर की सहायता प्राप्त हुई। इसमें 2 अरब डॉलर आईबीआरडी से, 3.1 अरब डॉलर आईडीए से और 10 करोड़ डॉलर विश्व बैंक समूह द्वारा प्रबंधित क्लीन टेक्नोलॉजी फ़ंड (स्वच्छ प्रौद्योगिकी कोष) से प्राप्त हुए। इस अवधि के दौरान विश्व बैंक समूह की निजी क्षेत्र-इकाई आईएफ़सी ने 1.2 अरब डॉलर भारत के लिए नियत किए।
जून 2014 तक 84 परियोजनाओं के लिए आईबीआरडी और आईडीए की सकल वचनबद्धता 24.4 अरब डॉलर (आईबीआरडी 12.7 अरब डॉलर, आईडीए 11.7 बिलियन डॉलर) थी। जून 2014 तक आईएफ़सी के भारत के 239 परियोजनाओं के पोर्टफ़ोलिओ के लिए वचनबद्धता और संवितरित राशि 5.3 अरब डॉलर थी।