भारत के मेघालय राज्य में पश्चिमी खासी जिले की एल्टिरा संगमा करीब एक हफ्ते से थकावट महसूस कर रही थी । उसने कहा, ‘मैं हर समय थका महसूस कर रही थी और अपने परिवार के लिए खाना बनाने या घर का कोई काम करने का मन नहीं कर रहा था।’ चिंतित एल्टिरा 1.5 किलोमीटर दूर शालंग प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (पीएचसी) चिकित्सकीय परामर्श के लिए गयीं। कुछ जांच के बाद उन्हें आयरन की एक सुई लगायी गयी।
इससे पहले, हरी वनस्पतियों और केले के बागानों के बीच एक दूरस्थ पहाड़ी के पास स्थित अपने गांव रोंगखुगरे के पास स्वास्थ्य केंद्र में सुई लगवाना उनके लिए इतना आसान नहीं था। दूर-दराज के केंद्रों में महत्वपूर्ण दवाएं और सुई की आपूर्ति का अक्सर अभाव होता था या वे बहुत महंगे होते थे।
परंतु जबसे मेघालय सरकार ने विश्व बैंक पोषित मेघालय स्वास्थ्य प्रणाली विकास परियोजना के तहत नयी ड्रोन सेवा शुरू की है, आवश्यक सुई और दवाएं यहां से 100 किलोमीटर दूर स्थित जेंगजल जिला अस्पताल से ड्रोन के जरिये हफ्ते में एक बार लायी जाती हैं।
दवाएं नि:शुल्क भी है । अन्यथा, एल्टिरा को यह सुई, जिसे हफ्ते में तीन बार लगाने की आवश्यकता होती, हर बार 280 रुपये की पड़ती।