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मुख्य कहानी18 जुलाई, 2023

ग्रामीण मेघालय के दूरस्थ स्वास्थ्य केंद्रों तक ड्रोन कर रहे दवाओं की डिलीवरी

The World Bank

फोटो साभार: विश्व बैंक

हाइलाइट

  • दुर्गम क्षेत्रों में किफायती, गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवा प्रदान करना मेघालय के लिए लंबे अरसे से चुनौती रही है । ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले लगभग 80 प्रतिशत लोगों के लिए स्वास्थ्य सेवा तक पहुंच पाना, विशेषकर जून से सितंबर के बीच बारिश के मौसम में मुश्किल होता है।
  • मेघालय सरकार ने विश्व बैंक पोषित मेघालय स्वास्थ्य प्रणाली विकास परियोजना के तहत नयी ड्रोन सेवा शुरू की है, आवश्यक सुई और दवाएं यहां से 100 किलोमीटर दूर स्थित जेंगजल जिला अस्पताल से ड्रोन के जरिये हफ्ते में एक बार लायी जाती हैं।
  • विश्व बैंक के 4 करोड़ डॉलर से वित्तपोषित मेघालय स्वास्थ्य प्रणाली सुदृढ़ीकरण परियोजना 2021 से उत्तर-पूर्वी मेघालय राज्य, विशेषकर उसके ग्रामीण क्षेत्रो में, सार्वजनिक स्वास्थ्य प्रणाली को मजबूत करने में मदद कर रही है। इस परियोजना से राज्य के सभी 11 जिलों के 30 लाख से अधिक लोगों के लाभान्वित होने का अनुमान है।

भारत के मेघालय राज्य में पश्चिमी खासी जिले की एल्टिरा संगमा  करीब एक हफ्ते से थकावट  महसूस  कर  रही  थी । उसने कहा, ‘मैं हर समय थका महसूस कर रही थी और अपने परिवार के लिए खाना बनाने या घर का कोई काम करने का मन नहीं कर रहा था।’ चिंतित एल्टिरा 1.5 किलोमीटर दूर शालंग प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (पीएचसी) चिकित्सकीय परामर्श के लिए गयीं। कुछ जांच के बाद उन्हें आयरन की एक सुई लगायी गयी।

इससे पहले, हरी वनस्पतियों और केले के बागानों के बीच एक दूरस्थ पहाड़ी के पास स्थित अपने गांव रोंगखुगरे के पास स्वास्थ्य केंद्र में सुई लगवाना उनके लिए इतना आसान नहीं था।  दूर-दराज के केंद्रों में  महत्वपूर्ण दवाएं और सुई की आपूर्ति का अक्सर अभाव होता था या वे बहुत महंगे होते थे।

परंतु जबसे मेघालय सरकार ने विश्व बैंक पोषित मेघालय स्वास्थ्य प्रणाली विकास परियोजना के तहत नयी ड्रोन सेवा शुरू की है, आवश्यक सुई और दवाएं यहां से 100 किलोमीटर दूर स्थित जेंगजल जिला अस्पताल से ड्रोन के जरिये हफ्ते में एक बार लायी जाती हैं।

दवाएं नि:शुल्क भी है । अन्यथा, एल्टिरा को यह सुई, जिसे हफ्ते में तीन बार लगाने की आवश्यकता होती, हर बार 280 रुपये की पड़ती।

इस सीएचसी के दायरे में आने वाले 12-13 गांवों तक पहुंचना बहुत मुश्किल है और बारिश के मौसम में तो असंभव है। ड्रोन सेवा ने कम से कम यह सुनिश्चित किया है कि मुख्यमंत्री की सुरक्षित मातृत्व योजना के तहत लक्षित गर्भवती महिलाओं को देने के लिए हमारे पास दवाओं की पर्याप्त आपूर्ति है।
डॉक्टर डिम्पी एंजल कमराक
स्वास्थ्य अधिकारी, दादेंग्रे सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) शालंग
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फोटो साभार: विश्व बैंक

महिलाओं के स्वास्थ्य को प्राथमिकता देना

दुर्गम क्षेत्रों में किफायती, गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवा प्रदान करना मेघालय के लिए लंबे अरसे से चुनौती रही है । ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले लगभग 80 प्रतिशत लोगों के लिए स्वास्थ्य सेवा तक पहुंच पाना, विशेषकर जून से सितंबर के बीच बारिश के मौसम में मुश्किल होता है।

शालंग पीएचसी की चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर एलिशा जी. मोमिन ने कहा कि ‘इन परिस्थितियों में, महिलाओं का स्वास्थ्य अक्सर प्राथमिकता नहीं बन पाता है ।’उन्होंने बताया कि ‘वे स्वास्थ्य सेवा सुविधाओं तक जाना तब तक टालती हैं जब तक कि आपात स्थिति नहीं होती।’

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फोटो साभार: विश्व बैंक

अगम्य क्षेत्रों तक पहुंचना

शालंग पीएचसी के अधीन पश्चिमी खासी हिल जिले के 91 गांव आते हैं और यहां रोजाना 20-30 मरीज आते हैं। ‘हाट’ वाले दिन ये संख्या 70 तक हो जाती हैं। जिस दिन हम पहुंचे, पीएचसी में सड़क दुर्घटना के तीन मामले आये, जो दुर्भाग्यवश, घुमावदार पहाड़ी सड़कों पर एक सामान्य घटनाक्रम है। परंतु ड्रोन द्वारा हफ्ते में एक बार लायी जाने वाली दवाओं के भंडार के कारण घायल ग्रामीणों को लगाने के लिए टिटनेस की पर्याप्त सुइयां थीं।

इसी पीएचसी में, 53 वर्षीया मेरिना संगमा हाइपरटेंशन का उपचार करा रही थीं। डॉ. मोमिन ने बताया कि ‘पहले, मैंने उन्हें यहां से 80 किलोमीटर दूर नॉन्गस्टोइन सिविल अस्पताल रेफर कर दिया होता।’ उहोंने कहा कि ‘परंतु पिछले ही हफ्ते, एक ड्रोन ने हाइपरटेंशन – जो यहां आश्चर्यजनक रूप से आम बात है - के लिए सुइयों की आपूर्ति की और हम यहीं मेरिना का उपचार कर सकते हैं।’

दादेंग्रे सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) शालंग से लगभग 150 किलोमीटर दूर है। केंद्र की स्वास्थ्य अधिकारी डॉक्टर डिम्पी एंजल कमराक मानती हैं कि ड्रोन सेवा जीवनरक्षक है। उन्होंने कहा कि ‘इस सीएचसी के दायरे में आने वाले 12-13 गांवों तक पहुंचना बहुत मुश्किल है और बारिश के मौसम में तो असंभव है। ड्रोन सेवा ने कम से कम यह सुनिश्चित किया है कि मुख्यमंत्री की सुरक्षित मातृत्व योजना के तहत लक्षित गर्भवती महिलाओं को  देने के लिए हमारे पास दवाओं की पर्याप्त आपूर्ति है।’

आपूर्ति के लिए आने वाले ड्रोन खाली नहीं लौटते बल्कि जांच के लिए मरीजों के रक्त के नमूने लेकर लौटते हैं। नतीजे 3 घंटे के भीतर व्हाट्सऐप के जरिए भेजे जाते हैं जिससे मरीजों के लिए वापस आने का समय काफी घट जाता है । डॉ. मोमिन ने कहा कि ‘ये सेवाएं  इस क्षेत्र में ग्रामीणों के लिए स्वास्थ्य देखभाल तक पहुंच और गुणवत्ता बढ़ाने में काफी मददगार रही हैं।’

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आकाश में पक्षी

दिसंबर, 2022 में प्रारंभ किये गए ड्रोन सेवाएं हब और नोड आधार पर काम करती हैं, जिसमें जेंगजल उपमंडल अस्पताल हब है जहां ड्रोन स्टेशन स्थित है। सभी दवाएं और सुइयां वहां खरीदी जाती हैं। वहां जांच करने के लिए प्रयोगशाला भी है । शालंग पीएचसी और दादेंग्रे सीएचसी समेत फिलहाल 12 नोड हैं।

ये ड्रोन विभिन्न स्वास्थ्य केंद्रों की आवश्यकताओं के आधार पर दवाएं और सुइयां लेकर सप्ताह में एक बार इन नोड्स तक उड़ान भरती हैं और जांच के लिए रक्त के नमूने लेकर लौटती हैं।

इन उड़ानों का संचालन करने वाली कंपनी, टेक ईगल इनोवेशन के ऑपरेशंस मैनेजर विनीत पंडालाई ने बताया कि, ‘हमने दिसंबर 2022 में छह पीएचसी से शुरुआत की और अगले दो माह के भीतर इसका विस्तार 12 केंद्रों तक किया।’ उन्होंने कहा कि ‘हमारा लक्ष्य जुलाई 2023 तक पांच अन्य पीएचसी को अपने दायरे में लाना है। वर्तमान समय में, एक प्रबंधक एवं दो पायलट की निगरानी में एक ड्रोन 12 पीएचसी एवं सीएचसी को सेवाएं देता है। क्षेत्र में आसपास के कई उपकेंद्रों को भी  सेवा दी जा रही है।’

शालंग पीएचसी में ड्रोन के उतरने का स्थान कंक्रीट के वृत्ताकार लैंडिंग पैड पर एक बड़ा लाल क्रॉस बनाकर चिह्नित किया गया है। पंडालाई ने बताया कि ‘जेंगजल से 100 किमी से अधिक दूर तक उड़ान में ठीक 46 मिनट लगते हैं और कम बैटरी उपयोग और ज्यादा भार ढोने के लिए इसे हर बार अनुकूलित किया जाता है।’

दादेंग्रे सीएचसी में, लैंडिंग पैड के लिए कोई खुला क्षेत्र न होना एक चुनौती है । उन्होंने बताया कि “ड्रोन को उतारने के लिए कायदे से एक कंक्रीट सतह की आवश्यकता होती है। इसलिए, हम पास के बास्केटबाल कोर्ट का उपयोग कर रहे हैं। यह आदर्श स्थिति नहीं है क्योंकि हर बार, जब ड्रोन को उतरना होता है, लोगों को वहां से हटाने के लिए रोशनी फेंकनी पड़ती है और सायरन बजाना पड़ता है।“

ड्रोन सेवाओं के लिए तत्काल भविष्य की योजनाओं में जेंगजल सब-डिवीजनल अस्पताल में एक ब्लड बैंक बनाना और महत्वपूर्ण आपात स्थितियों के दौरान रक्त प्रदान करना शामिल है।

ड्रोन का उपयोग करके, मेघालय राज्य दिखा रहा है कि कैसे लोगों को गुणवत्तापूर्ण सेवाएं देने के लिए प्रौद्योगिकी की नए सिरे से कल्पना की जा सकती है।

 

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फोटो साभार: विश्व बैंक

विश्व बैंक के 4 करोड़ डॉलर से वित्तपोषित मेघालय स्वास्थ्य प्रणाली सुदृढ़ीकरण परियोजना 2021 से उत्तर-पूर्वी मेघालय राज्य,  विशेषकर उसके ग्रामीण क्षेत्रो में ,  सार्वजनिक स्वास्थ्य प्रणाली को मजबूत करने में मदद कर रही है। परियोजना राज्य के स्वास्थ्य बीमा कार्यक्रम की डिजाइन और दायरे का विस्तार कर रही है; प्रमाणीकर के जरिए स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता में सुधार कर रही है; और दवाओं एवं  निदान तक कुशल एवं बेहतर पहुंच को सक्षम बना रही है।

परियोजना प्रदर्शन आधारित वित्तपोषण प्रणाली का लक्ष्य सभी स्तरों पर ज्यादा जवाबदेही लाना है। यह स्वास्थ्य क्षेत्र के प्राथमिक एवं द्वितीयक स्तर के कर्मचारियों  की योजना एवं प्रबंधक क्षमताओं को मजबूत करके और उनके क्लीनिकल कौशल को गढ़कर उन्हें लाभान्वित कर रही है। परियोजना सामुदायिक स्तर पर स्वास्थ्य सेवाओं का बेहतर उपयोग करने में महिलाओं को सक्षम भी बना रही है।

इस परियोजना से राज्य के सभी 11 जिलों के 30 लाख से अधिक लोगों के लाभान्वित होने का अनुमान है।

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