नई दिल्ली, 27 अप्रैल, 2022— विश्व बैंक के कार्यकारी निदेशक मंडल ने लोकसेवा क्षमता निर्माण के लिए एक राष्ट्रीय कार्यक्रम, भारत सरकार के मिशन कर्मयोगी का समर्थन करने के लिए आज 47 मिलियन डॉलर की एक परियोजना को मंजूरी दी।
पूरे भारत में लगभग 1.8 करोड़ लोकसेवक कार्यरत हैं, जिनमें से लगभग दो-तिहाई राज्य सरकार और स्थानीय प्राधिकरण स्तर पर कार्यरत हैं। भारत ने जहां पिछले एक दशक में अपने प्रदर्शन में लगातार सुधार किया है, वहीं मिशन कर्मयोगी के कार्यान्वयन के जरिए सरकार का लक्ष्य देश के लोक सेवा बल को और अधिक भविष्य के लिए तैयार (फ्यूचर-रेडी) करना और इक्कीसवीं सदी की चुनौतियों का सामना करने में सक्षम बनाना है। इसमें समस्या समाधान, सीमा पार सहयोग, मजबूत संचार और नेटवर्किंग कौशल पर ध्यान देना शामिल है।
बैंक के वित्तपोषण का लक्ष्य लगभग 40 लाख लोक सेवकों की कार्यात्मक और व्यावहारिक दक्षताओं को बढ़ाने के सरकार के उद्देश्यों का समर्थन करना है। यह तीन घटकों पर ध्यान केंद्रित करेगा : योग्यता ढांचे का विकास और कार्यान्वयन; एक एकीकृत शिक्षण मंच का विकास; और कार्यक्रम की निगरानी, मूल्यांकन और प्रबंधन।
विश्व बैंक के संचालन प्रबंधक और भारत के कार्यवाहक देश निदेशक हिदेकी मोरी ने कहा कि, “भारत के सार्वजनिक क्षेत्र का प्रदर्शन कोविड-19 के प्रभावों से निकल कर बेहतर तरीके से निर्माण करने और इसके विकास और समावेशन लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए महत्वपूर्ण है।” उन्होंने कहा कि "संस्थागत गुणवत्ता और आर्थिक विकास के बीच एक सुस्थापित संबंध है - मजबूत सार्वजनिक संस्थान सफल आर्थिक प्रगति और विकास का आधार हैं।"
यह परियोजना इंडिया कंट्री पार्टनरशिप फ्रेमवर्क (सीपीएफ) वित्त वर्ष 18–22 के साथ जुड़ी है जिसमें भारत में विश्व बैंक के लिए जुड़ाव के चार क्षेत्रों में से एक सार्वजनिक क्षेत्र के संस्थानों को मजबूत करना शामिल है। यह परियोजना विश्व बैंक के अत्यधिक गरीबी को समाप्त करने और साझा समृद्धि के निर्माण के दोहरे लक्ष्यों के साथ भी जुड़ी हुई है, क्योंकि नीतिगत प्राथमिकताओं को लागू करने और प्रभावी सेवाएं प्रदान करने के लिए सरकारी अधिकारियों की क्षमताओं का निर्माण इन उद्देश्यों की उपलब्धि के लिए महत्वपूर्ण है।
परियोजना के लिए विश्व बैंक के टास्क टीम लीडर विक्रम मेनन ने कहा, "परियोजना केंद्रीय मंत्रालयों, विभागों और एजेंसियों के लिए योग्यता ढांचे को विकसित करके, लक्षित प्रशिक्षण सामग्री वितरित करने और प्रशिक्षण की प्रभावशीलता का मूल्यांकन एवं मापन करने में सक्षम एक ऑनलाइन प्रशिक्षण मंच विकसित करके मिशन कर्मयोगी का समर्थन करेगी।" उन्होंने कहा कि "यह भारत में सार्वजनिक क्षेत्र के भीतर नई क्षमताओं के निर्माण में योगदान देगा।"
इंटरनेशनल बैंक फॉर रिकंस्ट्रक्शन एंड डेवलपमेंट (आईबीआरडी) के 47 मिलियन डॉलर के ऋण की परिपक्वता 11 वर्ष है, जिसमें 4.5 वर्ष की छूट अवधि भी शामिल है।