नई दिल्ली, जनवरी 19, 2022 - विश्व बैंक के कार्यकारी निदेशक मंडल ने पश्चिम बंगाल राज्य के गरीब और कमजोर समूहों की सामाजिक सुरक्षा सेवाओं तक पहुंच में मदद करने के प्रयासों का समर्थन करने के लिए राज्य सरकार को 12.5 करोड़ डॉलर के ऋण को मंजूरी दी।
कोविड-19 महामारी ने संकट के समय में समावेशी और समानतापूर्ण सामाजिक सुरक्षा प्रदान करने के लिए राज्य सरकारों की क्षमताओं के निर्माण पर ध्यान केंद्रित करने की आवश्यकता पर प्रकाश डाला है। भारत का पूर्वी राज्य पश्चिम बंगाल 400 से अधिक कार्यक्रम चलाता है जो सामाजिक सहायता, देखभाल सेवाएं और नौकरियां प्रदान करते हैं। इनमें से अधिकांश सेवाएं जय बांग्ला नामक एक एकीकृत मंच के जरिए प्रदान की जाती हैं। समावेशी सामाजिक सुरक्षा अभियान के लिए पश्चिम बंगाल द्वारा निर्मित की जा रही राज्य की क्षमताएं महिलाओं, आदिवासी और अनुसूचित जाति के परिवारों और बुजुर्गों जैसे कमजोर समूहों साथ-साथ राज्य के आपदा-संभावित तटीय इलाकों के घरों पर विशेष रूप से ध्यान केंद्रित करते हुए राज्य स्तर पर इन हस्तक्षेपों का समर्थन करेंगी।
हाल ही के एक सर्वेक्षण में पाया गया कि पश्चिम बंगाल में भोजन और वस्तु हस्तांतरण अधिकांश गरीब और कमजोर घरों में होता है, लेकिन नकद हस्तांतरण का दायरा कमजोर है। पेंशन की बोझिल आवेदन प्रक्रियाओं और आवेदन एवं पात्रता सत्यापन के लिए स्वचालित प्रणालियों की कमी के कारण विशेष रूप से बुजुर्गों, विधवाओं और विकलांग व्यक्तियों की पहुंच सामाजिक पेंशन तक भी कमजोर है।
अगले चार वर्षों में, यह ऑपरेशन सामाजिक सहायता तक कवरेज और पहुंच का विस्तार करने और एक समेकित सामाजिक रजिस्ट्री के जरिए गरीबों और कमजोरों को नकद हस्तांतरण करने के लिए राज्य की क्षमता को मजबूत करने में मदद करेगा।
भारत में विश्व बैंक के कंट्री निदेशक जुनैद अहमद ने कहा कि "अपनी तेजी से बढ़ती शहरी आबादी और शहरी गरीबों के इलाकों के साथ, पश्चिम बंगाल ने अपने सबसे कमजोर नागरिकों को सामाजिक सुरक्षा लाभों और सेवाओं की एक एकीकृत व्यवसथा प्रदान करने के लिए एक खंडित, योजना-आधारित सामाजिक सुरक्षा प्रणाली से आगे बढ़ने की आवश्यकता को पहचाना है।" उन्होंने कहा कि "परियोजना इस क्षेत्र में राज्य की क्षमता को समर्थन देगी और मजबूत करेगी ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि वह अपने सभी कमजोर नागरिकों को सामाजिक सुरक्षा सेवाएं - नकद और वस्तु, दोनों तरह से वितरित कर सके।"
पश्चिम बंगाल को मैन्युअल डेटा प्रविष्टि, सभी विभागों में असंगत लाभार्थी डेटा, और डेटा भंडारण एवं डेटा विनिमय प्रोटोकॉल की कमी से संबंधित चुनौतियों का सामना करना पड़ता है। यह ऑपरेशन राज्य की एकीकृत वितरण प्रणाली, जय बांग्ला प्लेटफॉर्म को डिजिटाइज़ करने में मदद करेगा, जिससे अलग-अलग सामाजिक सहायता कार्यक्रमों को समेकित करने और कमजोर एवं गरीब परिवारों को सामाजिक पेंशन के वितरण में तेजी लाने में मदद मिलेगी।
यह परियोजना सामाजिक देखभाल सेवाओं के लिए एक टेली-परामर्श नेटवर्क के निर्माण में भी सहायता करेगी, इस नेटवर्क में पूरक के रूप में केस प्रबंधन कार्यकर्ताओं का एक कैडर होगा जो बुजुर्गों की देखभाल पर परामर्श और स्वास्थ्य सेवाओं एवं सुविधाओं के लिंक के साथ परिवारों की मदद कर सकते हैं।
यह श्रम शक्ति में राज्य की महिलाओं की कम भागीदारी का समाधान करने के लिए सरकारी हस्तक्षेपों के समन्वय और प्रभावशीलता में सुधार के लिए एक संस्थागत मंच भी तैयार करेगी।
परियोजना के लिए विश्व बैंक कार्य दल के लीडर्स श्रायन भट्टाचार्य, कैसर एम. खान और अंबरीश शाही ने कहा कि “विभागों के बीच समन्वय की कमी से सेवा वितरण में प्रयासों का दोहराव होता है। परियोजना लाभार्थियों की तेजी से पहचान करने, खर्च पर नजर रखने और कमजोर लोगों के लिए लाभ वितरण की योजना बनाने और निगरानी करने के लिए राज्य सरकार की क्षमता में उल्लेखनीय सुधार में सहायता करते हुए समग्र प्रणाली में सुधार में सहायता करेगी।”