मुख्य कहानी29 जुलाई, 2025

दक्षिण एशिया में बेहतर रोज़गार सृजन के लिए कचरे को अवसरों में बदलना

The World Bank

क्रिस्टिन और तरुण का वर्ष 2016 में शुरू हुआ @SaathiPads, किसी उत्पाद से कहीं बढ़कर है-एक आंदोलन है। यह मासिक धर्म संबंधी स्वास्थ्य शिक्षा प्रदान करता है और शहरी स्वास्थ्य केंद्रों तक ऐसे बढिया/टिकाऊ पैड पहुंचाता है जो महिलाओं को सशक्त बनाते हैं और भूमंडल का संरक्षण करते हैं।

मुख्य बातें

  • खाद्यान्न की नुक्सान और बर्बादी को कम करने से खाद्य मूल्य श्रृंखला में अवसरों के द्वार खुलेंगे और जिससे रोज़गार सृजन को बढ़ावा मिलेगा।
  • दक्षिण एशिया क्षेत्र के लगभग 40 प्रतिशत कार्यबल कृषि क्षेत्र में कार्यरत हैं। युवाओं के नेतृत्व वाले नवाचार खाद्य प्रणालियों में बदलाव ला रहे हैं, बेहतर रोज़गार पैदा कर रहे हैं और पारंपरिक कृषि को बदल रहे हैं।
  • उन्नति और सतत विकास के लिए महिलाओं और युवाओं का समावेश आवश्यक है।

जब क्रिस्टिन कागेत्सु ने भारत में साथी की सह-स्थापना की, तो वह सिर्फ़ एक उत्पाद ही तैयार नहीं कर रही थीं-बल्कि एक आंदोलन खड़ा कर रही थीं। उनकी कंपनी प्लास्टिक प्रदूषण, मासिक धर्म की अयोग्यता और ग्रामीण बेरोजगारी जैसी समस्याओं का एक ही बहुद्देशीय समाधान करने के लिए केले के रेशे को बायोडिग्रेडेबल सैनिटरी पैड में बदलती है। साथी पैड छह महीने में गल जाते हैं, इसे बनाने की प्रक्रिया में महिलाओं को रोज़गार मिलता है तथा केले उत्‍पादक किसानों को आय के नए स्रोत मिलते हैं।

खाद्यान्न की हानि और बर्बादी को कम करना: रोजगार और उन्नति के लिए अनिवार्य

दक्षिण एशिया में, लगभग 40 प्रतिशत कार्यबल कृषि क्षेत्र में कार्यरत है। फिर भी, उत्पादित खाद्यान्न का 30 प्रतिशत से अधिक भाग नष्ट या बर्बाद हो जाता है। इससे न केवल खाद्यन्न सुरक्षा और किसानों की आय प्रभावित होती है, बल्कि जलवायु परिवर्तन भी बढ़ता है।

रोज़गार सृजन, पोषण में सुधार और प्रगति के लिए खाद्य नुक्सान और बर्बादी (एफ एल डवल्यू) को कम करना एक कार्यनीतिक शुरुआत है। यह सैपलिंग (साउथ एशिया पालिसी लीडरशिप फॉर इम्प्रोवेद नुट्रिशन एंड ग्रोथ ) दक्षिण एशियाई निति नेतृत्व संचालन के प्रमुख विषयों में से एक है। गेट्स फाउंडेशन और अन्य भागीदारों के सहयोग से विश्व बैंक द्वारा आयोजित क्षेत्रीय मंच, एक क्षेत्रीय मुख्‍य श्रोत के रूप में उभरा है, जो इस बात पर प्रकाश डालता है कि नवाचार, एकीकरण और समावेशन किस प्रकार खाद्यन्न प्रणालियों को बदल सकते हैं।

खाद्यान्न की हानि और बर्बादी केवल अकुशलताएं मात्र नहीं हैं। ये आर्थिक विकास, सामाजिक समानता और पर्यावरण संरक्षण के लिए गंवाए गए अवसर भी हैं। सैपलिंग में, हमने इस बात पर ज़ोर दिया है कि व्यवस्था परिवर्तन-हमारी खाद्य, जल और ऊर्जा नीतियों का सामंजस्यपूर्ण ढंग से काम करने के लिए एकीकरण और संरेखण करने से शुरू होता है। इस नवाचार द्वारा डिजिटल लॉजिस्टिक्स से लेकर स्मार्ट व्यापार गलियारों तक संचालित होता है और यह इस समावेशिता- हरित, डिजिटल नौकरियों का सृजन करने पर आधारित होना चाहिए जो पूरे दक्षिण एशिया में किसानों, युवाओं और महिलाओं का उत्थान करें। यही हमें बतलाता है कि हम बर्बादी से आगे बढ़कर अनुकूलित, सम्मान और साझा समृद्धि की ओर कैसे बढ़ते हैं।
डॉ. हरिनी अमरसूर्या
श्रीलंका के प्रधान मंत्री, एस ए पी एल आई एन जी उच्च-स्तरीय क्षेत्रीय नीति वार्ता, कोलंबो, जून 2025

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सोफिया तमांग कहती हैं, कि ‘भले ही हमारे पास कोल्ड स्टोरेज होता था, परंतु हमारे पास कोल्ड स्टोरेज लायक उपज नहीं होती थी।’ उनके ‘जादुई बैग’ अब नेपाल के किसानों को नुकसान कम करने और बाज़ारों तक पहुंचने में मदद करते हैं—जहां सहानुभूति और नवाचार का संगम होता है।.

वा-नेतृत्व के नवाचार: खाद्य प्रणालियों में बुनियादी बदलाव

दक्षिण एशिया भर में युवा उद्यमी ऐसे समाधानों का संचालन कर रहे हैं जो उन्नत हरित रोजगार का सृजन करने के दौरान एफ एल डबल्यू को कम करते हैं:

नेपाल के मंडला एग्रीफ्रेश की सोफिया तमांग ने ऐसे “जादुई बैग” विकसित किए जो उपज की शेल्फ लाइफ बढ़ाते हैं, जिससे छोटे किसानों को फसल के बाद होने वाले नुकसान को कम करने और शहरी बाजारों तक पहुंचने में मदद मिलती है। 

भारत में ईएफ पॉलिमर से संबंधित नारायण लाल गुर्जर ने फलों के छिलकों से एक बायोडिग्रेडेबल पॉलिमर बनाया है जो किसानों को मिट्टी की नमी बनाए रखने और उपज बढ़ाने में मदद करता है।

भारत में कार्बनलाइट्स के सोम नारायण, एक जलवायु तकनीक कंपनी जीवाश्म ईंधन की खपत को कम करके कार्बन उत्सर्जन को कम करने के मिशन पर है। यह क्लोज्ड-लूप समाधान-जो कार्बन उत्सर्जन को मापने, प्रबंधित करने, कम करने और रिपोर्ट करने का एक तरीका है और जलवायु संबंधी सार्थक कार्रवाई को प्रेरित करता है, जैविक कचरे को स्वच्छ ऊर्जा और जैव उर्वरक में परिवर्तित करता है, शहरों की लैंडफिल पर निर्भरता कम करने में मदद करता है, साथ ही स्थानीय किसानों को स्थायी सूचना प्रदान करता है। उनका नवाचार शहरी अपशिष्ट प्रबंधन को ग्रामीण कृषि प्रगति से जोड़ता है, जिससे एक ऐसा चक्रीय अर्थव्यवस्था मॉडल तैयार होता है जो जलवायु-स्मार्ट और समुदाय-संचालित दोनों होता है।

ये नवाचार सिर्फ़ तकनीकी नहीं हैं-ये गहरे मानवीय पहलू पर भी आधारित हैं। ये किसानों, खासकर युवाओं और महिलाओं की ज़िंदादिली को दर्शाते हैं, जिन्हें अक्सर औपचारिक कृषि व्यवसाय मूल्य श्रृंखलाओं से बाहर रखा जाता है।

जैसा कि सोफिया ने बताया,"भले ही हमारे पास कोल्ड स्टोरेज हो, लेकिन हमारे पास कोल्ड स्टोरेज के लायक उपज नहीं होती थी।" उनकी कंपनी अब किसानों की जरूरतों के अनुरूप कम लागत वाली प्रौद्योगिकियों को उपलब्ध कराती है, जिससे यह साबित होता है कि सहानुभूति और दक्षता साथ-साथ चल सकती है।

एकीकरण: मापनीय प्रभाव के लिए प्रणालियों को संरेखित करना

सरकारें बहुउद्देशी इकोनॉमी मॉडल की सहायता करने और जमीनी स्तर पर नवाचारों को बढ़ावा देने के लिए खाद्य, जल और ऊर्जा नीतियों को संरेखित करना शुरू कर रही हैं। श्रीलंका में, सरकार डिजिटल लॉजिस्टिक्स प्लेटफ़ॉर्म में निवेश कर रही है जो अपशिष्ट प्रबंधन और कृषि-प्रसंस्करण में हरित रोज़गार पैदा करने के दौरान छोटे किसानों को शहरी बाज़ारों से जोड़ते हैं। डिजिटल कॉमर्स के लिए भारत का खुला नेटवर्क (ओएनडीसी) किसान उत्पादक संगठनों (एफपीओ) को ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म से जोड़ रहा है, जिससे उनकी बाजार पहुंच बढ रही है और फसल कटाई के बाद होने वाले नुकसान कम हो रहे हैं।

इंडोनेशिया का वर्ष 2030 तक एफएलडबल्यू में 50 प्रतिशत की कटौती का राष्ट्रीय रोडमैप दक्षिण एशिया के लिए एक अनुकरणीय मॉडल प्रस्तुत करता है। यह दर्शाता है कि कैसे नियामक सुधार, डिजिटल बुनियादी ढांचा और वित्तपोषण तंत्र नवाचार और समावेशन को बढ़ावा देने के लिए मिलकर काम कर सकते हैं।

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नवाचार को व्यवहार में प्रदर्शित करते हुए - नारायण लाल गुर्जर फलों के छिलकों से निर्मित अपने जैवनिम्नीकरणीय पॉलीमर का प्रदर्शन करते हैं, जो किसानों को नमी बनाए रखने और पैदावार बढ़ाने में मदद करता है।.

समावेशन: ग्रामीण समुदायों को सशक्त बनाने वाले परिवर्तनकर्ताओं के संबंध में

समावेशन कोई पार्श्व टिपण्णी नहीं है; यह प्रगति का मूल आधार है। पूरे दक्षिण एशिया में, महिलाएं और युवा खाद्य प्रणालियों में बदलाव लाने में अग्रणी भूमिका निभा रहे हैं।

सैपलिंग के आयोजन में एक नवाचार मेले का आयोजन किया गया जहां युवाओं के नेतृत्व वाले उद्यमों ने समावेशी समाधानों का प्रदर्शन किया। इकोसेंस से अक्षांश कटारिया ने प्रदर्शित किया कि कैसे उनका नवाचार फसल अवशेषों को चूल्हों के लिए स्वच्छ दहनशील टुकड़ों में परिवर्तित करता है, जिससे पारंपरिक ईंधन का एक स्थायी विकल्प मिलता है। यह समावेशी समाधान न केवल घर के अंदर के वायु प्रदूषण को कम करता है, बल्कि स्वास्थ्य परिणामों में सुधार और आर्थिक अवसरों का सृजन करके ग्रामीण महिलाओं और किसानों को सशक्त भी करता है।

अन्य समान पहलों में से, यह कहानी इस बात पर जोर देती है कि समावेशन का अर्थ खाद्य प्रणालियों की पूरी क्षमता को उजागर करना है।

जैसा कि गेट्स फाउंडेशन की अर्चना व्यास ने जोर देकर कहा,"छोटे किसानों, विशेषकर महिलाओं और युवाओं को सशक्त बनाना केवल समानता के लिए नहीं है, बल्कि यह प्रगति के लिए भी आवश्यक है।"

देशों को युवाओं के नेतृत्व वाले उद्यमों को समर्थन देकर, महिला किसानों में निवेश करके, तथा साक्ष्य-आधारित नीति निर्माण को समर्थन देकर संवाद के माध्यम से आगे बढ़ने की आवश्यकता है, जो खाद्य असुरक्षा और जलवायु परिवर्तन से सबसे अधिक प्रभावित लोगों की वास्तविकताओं को प्रतिबिंबित करती हो।

भावी कदम: एकीकरण। नवाचार। समावेशन।

बर्बादी को सही मायने में अवसर में बदलने के लिए दक्षिण एशिया को एक प्रणालीगत दृष्टिकोण अपनाना होगा:

  • युवा-नेतृत्व वाले, तकनीक-सक्षम समाधानों में निवेश करके नवाचार करना, जिससे एफएलडबल्यू में कमी आए और रोजगार का सृजन हो।
  • वृत्तीय अर्थव्यवस्था मॉडल का समर्थन करने के लिए खाद्य, जल और ऊर्जा नीतियों को एकीकृत करना।
  • मूल्य श्रृंखला के प्रत्येक चरण में महिलाओं और हाशिए पर पड़े समुदायों को शामिल करना।

सैपलिंग संवाद ने दिखाया है कि क्षेत्र कार्रवाई के लिए तैयार है। अब समय आ गया है कि जो कारगर हो उसे आगे बढ़ाया जाए, जो आशाजनक हो उसे वित्तपोषित किया जाए, और उन प्रयासों का समर्थन किया जाए जो नवप्रवर्तकों को निवेशकों, नीति-निर्माताओं और समुदायों से जोड़ते हैं।

आइए, खाद्य बर्बादी से आगे बढ़ें । आइए, शब्दों से आगे बढ़ें । आइए, मिलकर एक हरित और अधिक उन्नतशील दक्षिण एशिया बनाएं।

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