नई दिल्ली, 24 अक्टूबर, 2025 - विश्व बैंक के कार्यपालक निदेशक मंडल ने स्वास्थ्य कवरेज और अनुकूल स्वास्थ्य प्रणालियों तक व्यापक पहुंच के माध्यम से केरल राज्य में 1.1 करोड़ बुजुर्गों और कमजोर लोगों की जीवन प्रत्याशा और जीवन की गुणवत्ता में सुधार के लिए एक नए कार्यक्रम को स्वीकृति दी है। केरल ने दो दशकों से अधिक समय से स्वास्थ्य के क्षेत्र में निरंतर प्रगति की है, जिसमें नवजात शिशु (प्रति 1,000 जीवित जन्म पर 3.4), (प्रति 1,000 जीवित जन्म पर 4.4), पांच वर्ष से कम आयु के बच्चों की मृत्यु दर (प्रति 1,000 जीवित जन्म पर 5.2) और मातृ मृत्यु दर (प्रति 100,000 जीवित जन्म पर 19) में सुधार हुआ है। यह उच्च साक्षरता दर, जन स्वास्थ्य जागरूकता और विकेंद्रीकृत शासन के कारण हुआ है। हालांकि, गैर-संचारी रोगों (उच्च रक्तचाप, मधुमेह, कैंसर) के बढ़ने और तेजी से वृद्ध होती जनसंख्या (कुल जनसंख्या में 20 प्रतिशत से अधिक बुजुर्ग हैं) से स्वास्थ्य प्रणाली पर दबाव पड़ा है। इसके अलावा, आपातकालीन और आघात परिचर्या में भी कमी आई है और सड़क दुर्घटनाओं में हर साल 4,000 से ज़्यादा मौतें होने की सूचना है।
28 करोड़ डॉलर का केरल स्वास्थ्य प्रणाली सुधार कार्यक्रम जलवायु परिवर्तनों के प्रति अधिक व्यापक स्वास्थ्य प्रणाली का निर्माण करेगा। यह विस्तारित ई-स्वास्थ्य सेवाओं, एकीकृत डेटा प्लेटफ़ॉर्म और उन्नत साइबर सुरक्षा के माध्यम से केरल की डिजिटल स्वास्थ्य प्रणालियों को भी मज़बूत करेगा। इस कार्यक्रम का उद्देश्य राज्य में उच्च रक्तचाप और मधुमेह के लिए पंजीकृत 90 प्रतिशत से अधिक रोगियों के व्यक्तिगत इलेक्ट्रॉनिक ट्रैकिंग तंत्र के माध्यम से उपचार और सहायता प्रदान करना है। यह व्यापक स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करने के लिए बिस्तर पर पड़े रहने वाले, घर पर रहने वाले और कमज़ोर बुज़ुर्गों के लिए एक घर-आधारित देखभाल मॉडल भी स्थापित करेगा।
विश्व बैंक के भारत में कार्यवाहक कंट्री डायरेक्टर पॉल प्रोसी ने कहा कि "अच्छा स्वास्थ्य लोगों को सशक्त बनाता है, रोज़गार सृजित करता है और आर्थिक विकास को बढ़ाता है। मज़बूत और अनुकूल स्वास्थ्य प्रणालियां अर्थव्यवस्थाओं को स्वास्थ्य आपात स्थितियों और महामारियों से बचाव और बेहतर ढंग से निपटने में भी मदद करती हैं," उन्होंने आगे कहा कि "केरल में, महिलाओं की शिक्षा देश में सबसे ज़्यादा है और वे बेहतरीन स्वास्थ्य के साथ राज्य के आर्थिक विकास में और अधिक योगदान दे सकती हैं। इस कार्यक्रम से उच्च रक्तचाप नियंत्रित रोगियों की संख्या में 40 प्रतिशत की वृद्धि सुनिश्चित होगी तथा महिलाओं में गर्भाशय-ग्रीवा और स्तन कैंसर की जांच में 60 प्रतिशत की वृद्धि होगी, जिससे इससे होने वाली मौतों को रोकने के प्रयासों में तेजी आएगी।"
यह कार्यक्रम स्थानीय सरकारी निकायों, जैसे ग्राम पंचायत और नगर निगम, के साथ मिलकर एंटीबायोटिक दवाओं के उपयोग के लिए मानक प्रोटोकॉल और प्रक्रियाएं अपनाएगा और रोगियों के लिए विश्वसनीय प्रयोगशाला संबंधी जानकारी को त्वरित गति से उपलब्ध कराकर जूनोटिक रोगों के प्रकोप से निपटने में मदद करेगा।
वायनाड, कोझिकोड, कासरगोड, पलक्कड़ और अलप्पुझा जिलों में प्राथमिक स्वास्थ्य सुविधाएं भी ऊर्जा दक्षता में सुधार लाने और अत्यधिक गर्मी और बाढ़ का प्रबंधन करने के लिए जलवायु-आधारित समाधान अपनाएंगी।
कार्यक्रम की टास्क टीम लीडर दीपिका चौधरी और हिकुएपी काटजिओंगुआ ने कहा, "केरल ने वन हेल्थ दृष्टिकोण अपनाया है और विश्व बैंक के मौजूदा सहयोग से प्राप्त अनुभवों का उपयोग सामुदायिक निगरानी की एक सुदृढ़ प्रणाली स्थापित करने के लिए किया गया है।" उन्होंने आगे कहा, "यह कार्यक्रम केरल के वृद्ध लोगों को नवीन पहलों के माध्यम से स्वास्थ्य कवरेज तक व्यापक पहुँच सुनिश्चित करेगा। यह कार्यक्रम एक बहुस्तरीय आघात और आपातकालीन परिचर्या प्रणाली को भी समर्थन देगा ताकि 85 लाख लोगों को समय पर और उच्च-गुणवत्ता वाली सेवा प्राप्त हो सके।"