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प्रेस विज्ञप्ति 5 नवंबर, 2021

शिमला जलआपूर्ति और सीवरेज सेवाओं के लिए विश्व बैंक ने दी 16 करोड़ डॉलर की मंजूरी

वाशिंगटन डीसी, 5 नवंबर, 2021 - विश्व बैंक के कार्यकारी निदेशक मंडल ने प्रतिष्ठित पहाड़ी शहर शिमला में जल आपूर्ति और सीवरेज (डब्ल्यूएसएस) सेवाओं को और बेहतर बनाने के हिमाचल प्रदेश सरकार के प्रयासों को तेज करने के लिए आज  16 करोड़ डॉलर के कार्यक्रम को मंजूरी दी।

शिमला-हिमाचल प्रदेश जल आपूर्ति और सीवरेज सेवा सुधार कार्यक्रम शिमला में चौबीसो घंटे पानी की आपूर्ति करने में मदद करेगा और यह सुनिश्चित करेगा कि शहर में उत्पन्न सभी अपशिष्ट जल को कुशलतापूर्वक एकत्र और शोधित किया जाए और शहर के निवासियों और हर साल आने वाले 32 लाख पर्यटकों को उलेल्खनीय स्वास्थ्य लाभ दिया जाए।

नया कार्यक्रम हिमाचल प्रदेश के साथ बैंक की 2018 से चली आ रही साझेदारी पर आधारित है, जिसने लंबे समय से गंभीर जलाभाव और जलजनित महामारी का सामना कर रहे राज्य की राजधानी में डब्ल्यूएसएस सेवाओं को बेहतर बनाने में मदद की है। शिमला को पहले के तीन दिनों में एक बार की तुलना में आज दो-तीन घंटे की निश्चित दैनिक जलापूर्ति मिलती है, और शहर में पानी के सभी कनेक्शन अब मीटर से जुड़े हैं, जिससे पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित होती है।

सेवाओं में ये सुधार मुख्य रूप से विश्व बैंक द्वारा वित्तपोषित  शिमला जल आपूर्ति और सीवरेज सेवा वितरण सुधार कार्यक्रम विकास नीति ऋण  के तहत स्थापित एक अधिकार-संपन्न शहर जल यूटिलिटी, शिमला जल प्रबंधन निगम लिमिटेड (एसजेपीएनएल) के निर्माण के जरिए प्राप्त किए गए थे। एसजेपीएनएल आज पूर्ण परिचालन और वित्तीय स्वायत्तता के साथ एक निगमीकृत डब्ल्यूएसएस कंपनी है और अपने ग्राहकों के प्रति सीधे जवाबदेह है। नया कार्यक्रम एसजेपीएनएल को एक बेहतर सुव्यवस्थित व्यावसायिक योजना, कॉर्पोरेट प्रशासन और प्रदर्शन पर जोर के साथ एक अच्छी तरह से संचालित पेशेवर डब्ल्यूएसएस यूटटिलिटी के रूप में समेकित करने पर ध्यान केंद्रित करेगा।

विश्व बैंक के कंट्री डायरेक्टर जुनैद अहमद ने कहा कि भारत जल सेवाएं देने में सक्षम ऐसी आधुनिक यूटिलिटीज की स्थापना का इच्छुक है जो की सभी के लिए बिना रुक रुक कर 24x7 जल सेवा सुनिश्चित कर सके। शिमला ने अपने नागरिकों को कुशल, जवाबदेह और टिकाऊ जल आपूर्ति और स्वच्छता सेवाएं प्रदान कर सकने वाली एक स्वायत्त जल यूटिलिटी स्थापित करके इस दिशा में एक साहसिक कदम उठाया है।“ उन्होंने कहा कि "हिमाचल प्रदेश सरकार और शिमला नगरपालिका  ने जल संकट को एक बेहतर जल कंपनी बनाने के अवसर में तब्दील कर दिया। शिमला ने सिर्फ 'पाइप ठीक नहीं किया,' शिमला ने ‘पाइपों को ठीक करने वाले संस्थानों को ठीक किया’। एसजेपीएनएल आज भविष्य के महामारी या जलवायु परिवर्तन या अन्य स्रोतों से आने वाले किसी भी झटके को कम करने और प्रबंधित करने के लिए बेहतर तरीके से तैयार है। यह कई अन्य राज्यों के लिए उदाहरण है।"

बैंक समर्थित कार्यक्रम शिमला में डब्ल्यूएसएस सेवाओं की संसाधन दक्षता और वित्तीय स्थिरता में सुधार लाने पर भी जोर देगा। शिमला में जल आपूर्ति की लागत भारत में सबसे अधिक में शुमार है क्योंकि पानी को लगभग 1400-2000 मीटर की ऊंचाई तक चढ़ाने की आवश्यकता पड़ती है। पारेषण (ट्रांसमिशन) प्रणाली में रिसाव से न केवल पानी की बर्बादी होती है, बल्कि नुकसान की भरपाई के लिए बड़े पैमाने पर पानी की पंपिंग की भी आवश्यकता होती है, जिसके परिणामस्वरूप ज्यादा ऊर्जा खपत होती है।

परियोजना के लिए मुख्य जल विशेषज्ञ और वर्ल्ड बैंक टास्क टीम की लीडर स्मिता मिश्रा ने कहा, "कार्यक्रम एसजेपीएनएल को रिसाव कम करने के लिए प्रोत्साहित करेगा, और मांग-पक्ष उपायों के साथ, पानी और ऊर्जा के उपयोग को कम करने में मदद कर सकता है।" उन्होंने कहा कि “शिमला में पहले ही सभी जलापूर्ति कनेक्शनों के लिए मीटर लगा दिए गए हैं और मात्रात्मक बिलिंग लागू हो रही है; गैर-राजस्व जल को कम करने और ऊर्जा दक्षता बढ़ाने से उत्पादन लागत और राजस्व हानि में और कमी आएगी। ये बचत लंबी अवधि में सरकारी सब्सिडी पर निर्भरता को कम करेगी।"

कार्यक्रम के तहत परिकल्पित डब्ल्यूएसएस सेवाओं में शहरव्यापी सुधार में खुले क्षेत्रों में लगभग 100 किलोमीटर के सीवर के साथ शहर के सीवरेज संग्रह नेटवर्क का विस्तार भी शामिल है। एक जल गुणवत्ता प्रयोगशाला निरंतर एवं सटीक गुणवत्ता निगरानी सुनिश्चित करेगी, जबकि एक डिजिटल डब्ल्यूएसएस प्रबंधन प्रणाली सेवा की गुणवत्ता और परिसंपत्ति प्रबंधन में सुधार करेगी।

महिलाओं की भागीदारी

बैंक समर्थित गतिविधियों ने अब तक शहर में डब्ल्यूएसएस प्रबंधन और सेवा-वितरण में महिलाओं की प्रभावी भागीदारी में सुधार को प्राथमिकता दी है। एसजेपीएनएल के 60 संविदा कर्मचारियों में से 16 महिलाएं हैं, जिनमें सात कर्मचारी कार्यकारी भूमिकाओं में हैं। महिला स्वयंसेवियों या जल सखियों (जल मित्र) के कैडर का सृजन भी एसजेपीएनएल को डब्ल्यूएसएस सेवाओं को अधिक कुशलता से वितरित करने में मदद कर रहा है। ये महिलाएं एसजेपीएनएल और उसके ग्राहकों के बीच एक महत्वपूर्ण कड़ी बनाती हैं क्योंकि वे खराब सेवाओं, कम दबाव, गुणवत्ता से जुड़े मुद्दों की सूचना देती हैं। साथ ही साथ वे महिलाओं और बच्चों को पानी के उपयोग और संरक्षण के बारे में शिक्षित करती हैं। एसजेपीएनएल ने अपने बिलिंग केंद्रों और शिकायत निवारण तंत्र को केवल महिलाओं द्वारा प्रबंधित करने की योजना भी बनाई है।

इंटरनेशनल बैंक फॉर रिकंस्ट्रक्शन एंड डेवलपमेंट (आईबीआरडी) के 16 करोड़ डॉलर के ऋण की परिपक्वता अवधि 14.5 वर्ष है, जिसमें पांच वर्ष की छूट अवधि शामिल है। कार्यक्रम एक परिणाम-के लिए-कार्यक्रम वित्तपोषण उपकरण का उपयोग करेगा जो फंड के वितरण को सीधे कार्यक्रम-विशेष के परिणामों की उपलब्धि से जोड़ता है।


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