प्रेस विज्ञप्ति

विश्व बैंक ओडिशा की सतत विकास की कार्यसूची को समर्थन देगा

28 मार्च, 2012




भुवनेश्वर, 28 मार्च, 2012 - विश्व बैंक समूह के अध्यक्ष रॉबर्ट ज़ेलिक ने आज यहां ओडिशा को सरकार की सतत और सर्वांगीण विकास की आवश्यकताओं पर प्रतिक्रियास्वरूप अधिक जानकारी (नॉलेज) और वित्तीय सहायता मुहैया कराने का आश्वासन दिया।

रॉबर्ट ज़ेलिक ने राज्य के सामने मौजूद आर्थिक और सामाजिक चुनौतियों में से कुछ एक का प्रत्यक्ष रूप से जायज़ा लेने और यह पता लगाने के लिए ओडिशा की यात्रा की कि बैंक समूह किस तरह सरकार की बेहतर ढंग से मदद कर सकता है। रॉबर्ट ज़ेलिक ने ओडिशा के मुख्य मंत्री नवीन पटनायक तथा अन्य सरकारी अधिकारियों से बातचीत की। उन्हें ऐसे क्षेत्र का संरक्षण करने के प्रयासों को देखने का अवसर मिला जो विश्व में अत्यंत विविधतापूर्ण क्षेत्र के रूप में सुविदित है और जिसमें एशिया का सबसे बड़ा मैन्ग्रोव इको-सिस्टम (कच्छ वनस्पति प्रणाली) भी मौजूद है।

मुख्य मंत्री नवीन पटनायक ने कहा, ‘‘ओडिशा सरकार ने ग़रीबी दूर करने और सामाजिक न्याय सुनिश्चित करने के लिए उल्लेखनीय कदम उठाए हैं। खाद्य सुरक्षा, कृषि उत्पादकता और महिला सशक्तिकरण जैसे क्षेत्रों में यह सुस्पष्ट है। लेकिन, विशेष रूप से कृषि उत्पादकता तथा अवसंरचना और सार्वजनिक सेवाओं तक पहुंच के रास्ते में कुछ एक चुनौतियां अभी भी मौजूद हैं। विश्व बैंक विकास कार्यों में ओडिशा का भागीदार रहा है और हमे आशा है कि उक्त मुद्दों पर ध्यान देने के लिए हमारा परस्पर कार्य जारी रहेगा।’’

ओडिशा राज्य और विश्व बैंक समूह के बीच लगभग 20 वर्षों की भागीदारी पर टिप्पणी करते हुए रॉबर्ट ज़ेलिक ने ओडिशा सरकार को पिछले दशक में विकास के क्षेत्र में राज्य की उपलब्धियों पर बधाई दी और माना कि आगे भी चुनौतियां मौजूद हैं।

रॉबर्ट ज़ेलिक ने कहा, ‘‘ओडिशा ने विकास के क्षेत्र में अच्छी प्रगति की है और सरकार वित्तीय स्थिरता अर्जित करने तथा ग़रीबी से उबरने को लक्षित अपने प्रयासों के लिए बधाई की पात्र है। ओडिशा भारत की आर्थिक संवृद्धि औऱ विकास में उल्लेखनीय अंशदान  कर सकता है। राज्य के प्रचुर खनिज संसाधनों से महत्त्वपूर्ण क्षेत्रों में भारत की संवृद्धि में उल्लेखनीय अंशदान हो सकता है और जिंसों (उपयोगी वस्तुओं, कमोडिटी) की कीमतों पर वैश्विक दबाव को दूर करने में भी मदद मिल सकती है। उक्त संसाधनों का सदुपयोग करने के लिए तीव्र संवृद्धि, पर्यावरण तथा संवृद्धि के लाभों में राज्य की जनता के साथ भागीदारी के बीच ट्रेड ऑफ़ पर ध्यान देना ज़रूरी है।’’

रॉबर्ट ज़ेलिक ने कहा,‘‘सर्वांगीण और सतत संवृद्धि के मार्ग पर आगे बढ़ने में ओडिशा के अनुभव से दूसरे देशों तथा राज्यों को महत्त्वपूर्ण शिक्षा मिलेगी, जो प्राकृतिक संसाधनों की दृष्टि से तो संपन्न हैं, लेकिन जिन्हें ग़रीबी से जूझना पड़ रहा है।’’

सरकार के साथ उनकी बातचीत में इस बात पर ध्यान दिया गया कि विश्व बैंक, जो राज्य में 60 करोड़ अमरीकी डॉलर की लागत के कार्यक्रम से जुड़ा हुआ है, ओडिशा सरकार की किस तरह बेहतर ढंग से मदद कर सकता है, जो अपनी विकास-संबंधी चुनौतियों पर ध्यान दे रहा है। जल-प्रबंधन, शहरी जल और खानकर्म उन संभावित क्षेत्रों में से हैं, जिनकी पर भविष्य में ध्यान देने के लिए पहचान की गई है।

ओडिशा की संवृद्धि में निजी क्षेत्र की उल्लेखनीय भागीदारी होगी। विश्व बैंक समूह की निजी क्षेत्रीय संस्था इंटरनेशनल फ़ाइनैंस कार्पोरेशन (आईएफ़सी) ने ओडिशा की सर्वांगीण संवृद्धि में भागीदारी के क्षेत्र में  नई पहल की है, जिससे राज्य को कृषि व्यवसाय, डाउनस्ट्रीम मेटल मैन्यूफ़ैक्चरिंग और पर्यटन जैसे प्रमुख क्षेत्रों में रूपांतरकारी निवेश के लिए साधन जुटाने में मदद मिलेगी औऱ साथ ही लघु तथा मझोली कंपनियों के लिए काम करना भी आसान हो जाएगा।

इसके पूर्व दिन में रॉबर्ट ज़ेलिक ने ओडिशा के सामने मौजूद विकास-संबंधी चुनौतियों का और इनका सामना करने के लिए किए जा रहे प्रयासों का जायज़ा लिया। भितरकनिका नदी में नाव पर सवार होकर ज़ेलिक ने इस क्षेत्र में तटीय कटाव से बचाव करने से संबंधित प्रयासों का जायज़ा लिया, जो एशिया का दूसरा सबसे बड़ा इको-सिस्टम और जैव-विविधता की दृष्टि से समृद्ध क्षेत्र है।

विश्व बैंक द्वारा समर्थित एकीकृत तटीय क्षेत्र प्रबंधन परियोजना (इंटेग्रेटेड कोस्टल ज़ोन मैनेजमेंट प्रोजक्ट – आईसीज़ेडएमपी) बचाने के लिए काम शुरू हो चुका है, ताकि ये क्षेत्र उत्पादक भूमि के कटाव के ख़िलाफ़ एक दुर्ग का काम कर सकें। उक्त परियोजना से राज्य द्वारा यह सुनिश्चित करने के लिए किए जा रहे प्रयासों में मदद कर रही है कि संरक्षण-संबंधी प्रयासों से तटीय समुदायों के लोगों की आजीविका को कोई हानि न पहुंचे। रॉबर्ट ज़ेलिक मछुआरा समुदायों के लोगों से, जो संरक्षण-संबंधी प्रयासों में अंशदान कर है, और विश्व बैंक से सहायता-प्राप्त ओडिशा ग्रामीण आजीविका परियोजना (ओडिशा रूरल लाइवलिहुड प्रोजेक्ट) - तृप्ति के अंतर्गत गठित महिलाओं की स्वयंसेवी टोलियों के सदस्यों से भी मिले, जिन्हें अपनी आजीविकाओं को बेहतर बनाने में सामूहिक कार्यकलापों और गतिविधियों से लाभ पहुंचा है।

रॉबर्ट ज़ेलिक ने कहा,‘‘मैं उन समुदायों के लोगों से मिलकर प्रभावित हुआ हूं, जो आजीविका कमाने के लिए नई-नई कुशलताएं अर्जित कर रहे हैं, जिनसे संरक्षण-संबंधी प्रयासों को मदद मिल सकती है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘उल्लेखनीय बात तो यह है कि अपने सामने मौजूद चुनौतियों के बावजूद उन्होंने उन इको-समितियों का सदस्य होने के नाते संरक्षण-संबंधी प्रयासों को उत्साहपूर्वक अपनाया है, जहां वे प्रशिक्षण और इन्सेन्टिव पाते हैं। आज वे मेनग्रोव संरक्षण में प्रमुख भूमिका निभा रहे हैं और इस तरह वे संसाधनों का इस्तेमाल करने वाले न होकर संसाधन-प्रबंधक बन गए हैं।’’

ओडिशा में विश्व बैंक
विश्व बैंक 1990 के दशक के मध्य से बिजली, स्वास्थ्य, सड़क-निर्माण और शिक्षा के क्षेत्रों में निवेश परियोजनाओं के साथ-साथ तकनीकी सहायता, नीति-आधारित लोन और क्रेडिट के जरिए ओडिशा सरकार के विकास-संबंधी कार्यक्रमों का समर्थन कर रहा है।


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