भारत दुनिया की सबसे तेज़ी से बढ़ती अर्थव्यवस्थाओं में से एक है और इस राह पर अग्रसर है। भारत, स्‍वतंत्रता के शताब्‍दी वर्ष अर्थात 2047 तक उच्च मध्यम आय का दर्जा हासिल करने की आकांक्षाओं के साथ, आर्थिक विकास और सामाजिक प्रगति की मज़बूत नींव पर निर्माण की रहा है।भारत ने पिछले दो दशकों में उल्लेखनीय विकास हासिल किया है। 2000 के बाद से, अर्थव्यवस्था वास्तविक रूप से लगभग चौगुनी हो गई है, और प्रति व्यक्ति आय लगभग तिगुनी हो गई है।

वर्ष 2000 में 1.6 प्रतिशत से वर्ष 2023 में 3.4 प्रतिशत से वैश्विक अर्थव्यवस्था में इसकी हिस्सेदारी दोगुनी हो गई है, जिससे भारत दुनिया की पाँचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया है। इस विकास पथ के साथ-साथ अत्यधिक गरीबी में उल्लेखनीय कमी (वर्ष 2011-12 में 16.2 प्रतिशत से वर्ष  2022-23 में 2.3 प्रतिशत तक) और बुनियादी ढाँचे और सेवाओं तक पहुँच में उल्लेखनीय विस्तार हुआ है।

इन उपलब्धियों के बावजूद, विकास संबंधी गंभीर चुनौतियाँ अभी भी बनी हुई हैं। इनमें श्रम बाजार में अनौपचारिकता का उच्च स्तर, महिला श्रमबल की कम भागीदारी, गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य और शिक्षा सेवाओं तक असमान पहुँच, विकास परिणामों में क्षेत्रीय असमानताएँ और जलवायु परिवर्तन तथा प्राकृतिक आपदाओं के प्रति बढ़ती संवेदनशीलता शामिल हैं। भारत को अपने शताब्दी वर्ष पूरे होने के अवसर पर इन जटिल चुनौतियों का समाधान करना आवश्यक होगा।

2047 तक उच्च आय वाली अर्थव्यवस्था बनने के अपने विज़न को प्राप्त करने के लिए, भारत को अगले दो दशकों तक 7.8 प्रतिशत की औसत वार्षिक वृद्धि दर बनाए रखनी होगी। इसके लिए सार्वजनिक और निजी निवेश (वास्तविक निवेश दर को सकल घरेलू उत्पाद के लगभग 33.5 प्रतिशत से बढ़ाकर 2035 तक 40 प्रतिशत करना), अधिक और बेहतर नौकरियों के सृजन के लिए अनुकूल परिस्थितियों का निर्माण करने के लिए साहसिक और निरंतर सुधारों की आवश्यकता होगी - विशेष रूप से श्रम-प्रधान क्षेत्रों के माध्यम से महिलाओं के लिए - और उत्पादकता को बढ़ावा देना। इसके साथ ही,  बुनियादी ढांचे को मजबूत करने, स्वास्थ्य और शिक्षा  के परिणामों में सुधार करने, विनिर्माण और डिजिटल नवाचार को बढ़ावा देने के लिए संरचनात्मक सुधारों को बढ़ाना  होगा, जबकि व्यापक आर्थिक स्थिरता की रक्षा करना जारी रखना होगा। भारत के जनसांख्यिकीय लाभांश को अनलॉक करना मानव पूंजी में निवेश करने और 2047 तक महिला श्रम बल की भागीदारी को 35.6 प्रतिशत से बढ़ाकर 50 प्रतिशत करने पर निर्भर करेगा ।

विश्व बैंक, भारत सरकार के साथ मिलकर, 2047 तक विकसित भारत के लक्ष्य को साकार करने के लिए नीतिगत सुधारों, संस्थागत सुदृढ़ीकरण और हरित, स्तिथि अनुकूलित  और समावेशी विकास को बढ़ावा देने वाले रणनीतिक निवेशों का समर्थन कर रहा है। हमारा लक्ष्य सभी भारतीयों के लिए एक अधिक समृद्ध और समतापूर्ण भविष्य के निर्माण में मदद करना है।

*अंतिम अद्यतन: 10 नवंबर, 2025

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